जिन्दगीं की राहों में रंज-ओ-गम के मेले हैं !!
जिन्दगीं की राहों में रंज-ओ-गम के मेले हैं
भीड़ है कयामत की ,भीड़ है कयामत की
और हम अकेले है और हम अकेले हैं
जिन्दगीं की राहों में रंज-ओ-गम के मेले हैं ।।
आईने के सौ टुकडे , करके हमने देखे हैं
एक में भी तन्हा थे ,सौ में भी अकेले हैं
भीड़ है कयामत की ,भीड़ है कयामत की
और हम अकेले है और हम अकेले हैं
जिन्दगीं की राहों में रंज-ओ-गम के मेले हैं ।।
जब शबाब आया तो ,आंख क्यों चुराते हो
बचपन में हम और तुम साथ-साथ खेले हैं
भीड़ है कयामत की ,भीड़ है कयामत की
और हम अकेले है और हम अकेले हैं
जिन्दगीं की राहों में रंज-ओ-गम के मेले हैं ।।
गैसुओ के साये में हमने सब गुजारा है
आप से जुदा होकर, आप से जुदा होकर आज तक अकेले हैं
भीड़ है कयामत की ,भीड़ है कयामत की
और हम अकेले है और हम अकेले हैं
जिन्दगीं की राहों में रंज-ओ-गम के मेले हैं ।।
-LbMusicEntertainment-
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