Kalank Title Track / कलंक लिरिक्स

       कलंक लिरिक्स 

हवाओं में बहेंगे , घटाओ में रहेंगे 

तू बरखा मेरी , मैं तेरा बादल पिया 

जो तेरे ना हुवे तो किसी के ना रहेंगे 

दिवानी तू मेरी मैं तेरा पागल पिया 

हजारों में किसी को तक़्दीर ऐसी

मिलि हैं एक राँझा, और हीर जैसी 

ना जाने ये जमाना क्यूँ चाहे रे मिटाना 

कलंक नहीँ इश्क़ हैं काजल पिया 

पिया रे ...., पिया रे ...पिया रे ....

Piya ....piyaaa,,, re......


दुनिया की नजरों में रोग है , हो जिन्को वो जाने ये जोग हैं 

एक तरफ़ा शायद हो दिल का भरम, दो तरफ़ा हो तो ये संजोग है

लाई रे हमें जिन्दगानी की कहानी कैसे मोड़ पे

हुवे रे खुद से पराये हम किसी से नैना जोड़ के 

हजारों में किसी को तक़्दीर ऐसी ,

मिली है एक राँझा और हीर जैसी 

ना जाने ये जमाना क्यूँ चाहे रे मिटाना 

कलंक नहीँ इश्क़ हैं काजल पिया 

मै तेरा,मै तेरा, मै तेरा, मै तेरा ........

मै गहरा तमस् तू सुनहरा सवेरा ,

मै तेरा , मै तेरा , मै तेरा,

मुसाफिर मै भटका, तू मेरा बसेरा 

मैं तेरा, मैं तेरा, मै तेरा

तू जुगनु चमकता , मै झिन्गल घनेरा 

मै तेरा , मै तेरा, आ......

वो पिया, मै तेरा, मै तेरा,............

-LbMusicEntertainment- 

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