Sandese Aate Hai Lyrics......
हो.....ओ.....
संदेशे आते हैं , हमें तड़पाते हैं , तो चिट्ठी आती है ,
वो पूछे जाती है , कि घर कब आओगे ....कि घर कब आओगे..
लिखो कब आओगे , कि तुम बिन ये घर सुना-सुना है...
संदेशे आते हैं , हमें तड़पाते हैं , तो चिट्ठी आती है ,
वो पूछे जाती है , कि घर कब आओगे ....कि घर कब आओगे..
लिखो कब आओगे , कि तुम बिन ये घर सुना-सुना है...
किसी दिलवाली ने , किसी मतवाली ने ,
हमें खत लिखा है , कि हमसे पूछा है ,,,,
किसी की सांसो ने , किसी के धड़कन ने
किसी की चूड़ी ने , किसी के कंगन ने ,,,,
किसी के कजरे ने , किसी के गजरे ने ,
महकती सुबहो ने , मचलती शामो ने
अकेली रातों ने , अधूरी बातों ने ,
तरसती बाहों ने ,और पूछा है तरसी निगाहों ने
के घर कब आओगे... के घर कब आओगे,,
लिखो कब आओगे , कि तुम बिन ये दिल सुना-सुना है
संदेशे आते हैं , हमें तड़पाते हैं , तो चिट्ठी आती है ,
वो पूछे जाती है , कि घर कब आओगे ....कि घर कब आओगे..
लिखो कब आओगे , कि तुम बिन ये घर सुना-सुना है...
मोहब्बत वालों ने , हमारे यारों ने , हमें ये लिखा है
कि हमसे पूछा है , हमारे गाँव ने ,आम की छांव ने
पुराने पीपल ने , बरसते बादल ने ,खेत खलियानो ने
हरे मैदानों ने , बसंती बेलो ने, झूमती बेलो ने
लचकते झूलों ने, बहकती फूलो ने, चटकती कलियों ने
और पूछा है गांव की गलियों ने , के घर कब आओगे..
के घर कब आओगे , लिखो कब आओगे ,
कि तुम बिन गाँव सुना-सुना है......
संदेशे आते हैं , हमें तड़पाते हैं , तो चिट्ठी आती है ,
वो पूछे जाती है , कि घर कब आओगे ....कि घर कब आओगे..
लिखो कब आओगे , कि तुम बिन ये घर सुना-सुना है...
हो ...ओ......हो ओ हो....ओ.....ओ..ओ ओ ओ ओ
कभी एक ममता की , प्यार की गंगा की , तो चिठी आती है
साथ वो लाती है, मेरे दिन बचपन के , खेल वो आगन के
वो शाया आचल का, वो टीका काजल का, वो लोरी रातों में,
वो नरमी हाथो में, वो चाहत आखो मे, वो चिंता बातों में
बिगड़ना उपर से, मोहब्बत अन्दर से, करे वो देवी माँ
ऐही हर खत में पुछे, मेरी माँ ......
कि घर कब आओगे ....कि घर कब आओगे..
लिखो कब आओगे , कि तुम बिन आँगन सुना-सुना है...
संदेशे आते हैं , हमें तड़पाते हैं , तो चिट्ठी आती है ,
वो पूछे जाती है , कि घर कब आओगे ....कि घर कब आओगे..
लिखो कब आओगे , कि तुम बिन ये घर सुना-सुना है...
ये गुजरने वाली हवा बता, मेरा इतना काम करेगी क्या,
मेरे गाँव जा मेरे दोस्तो को सलाम दे, मेरे गाँव मे हैं,
जहाँ वो गली , जहाँ रहतीं हैं मेरी दिलरुबा,
उसे मेरे प्यार का जाम दे, उसे मेरे प्यार का जाम दे ,,
वही थोड़ी दूर हैं घर मेरा , मेरे घर मे हैं मेरी बूढ़ी माँ
मेरे माँ के पैरो को छू के तु, उसे उसके बेटे का नाम दे
ये गुजरने वाली हवा जरा , मेरे दोस्तों, मेरी दिलरुबा ,
मेरी माँ को मेरा प्याम दे , उन्हें जाके तु ये प्याम दे
मैं वापस आऊँगा ,मैं वापस आऊँगा , फ़िर अपने गाँव में
उसी के छाव में, कि माँ के आचल से , गाँव के पीपल से,,
किसी के काजल से, किया जो वादा था वो निभउगा .....
मै एक दिन आऊँगा, मैं एक दिन आऊँगा,
मै एक दिन आऊँगा, मैं एक दिन आऊँगा......
मै एक दिन आऊँगा, मैं एक दिन आऊँगा.....
मै एक दिन आऊँगा, मैं एक दिन आऊँगा.................
-LbMusicEntertainment-
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