सिर्फ़ एक बार मुलाकात का मौक़ा दे दे ..
मेरी मंज़िल है कहा मेरा ठिकाना है कहा
सुबहो तक तुझसे बिछड़ कर मुझे जाना हैं कहा
सोचने के लिए एक रात का मौक़ा दे दे
हम तेरे शहर में आए है मुसाफ़िर की तरह ....
LBMUSICENTERTAINMENT.COM
अपनी आंखो में छुपा रक्खे है जुगुनू मैंने
अपनी पलकों पे सजा रक्खे हैं आसू मैंने
मेरी आखों को भी बरसात का मौक़ा दे दे
हम तेरे शहर में आए है मुसाफ़िर की तरह ....
आज की रात मेरा दर्दे मोहब्बत सुन ले
कपकपाते हुए होठों की शिकायत सुन ले
आज इजहारे ख्यालात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में आए है मुसाफ़िर की तरह ....
भूलना था तो ये इकरार किया ही क्यू था
बेवफ़ा तूने मुझे प्यार किया ही क्यू था
सिर्फ़ दो चार सवालात का मौक़ा दे दे
हम तेरे शहर में आए है मुसाफ़िर की तरह ....
LBMUSICENTERTAINMENT.COM
0 Comments