हम तेरे शहर में आए है मुसाफ़िर की तरह लिरिक्स Hum Tere Shhar Me Aaye hai musafir ki tarah lyrics

हम तेरे शहर में आए है मुसाफ़िर की तरह
सिर्फ़ एक बार मुलाकात का मौक़ा दे दे ..

मेरी मंज़िल है कहा मेरा ठिकाना है कहा
सुबहो तक तुझसे बिछड़ कर मुझे जाना हैं कहा 
सोचने के लिए एक रात का मौक़ा दे दे 
हम तेरे शहर में आए है मुसाफ़िर की तरह ....
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अपनी आंखो में छुपा रक्खे है जुगुनू मैंने
अपनी पलकों पे सजा रक्खे हैं आसू मैंने 
मेरी आखों को भी बरसात का मौक़ा दे दे
हम तेरे शहर में आए है मुसाफ़िर की तरह ....

आज की रात मेरा दर्दे मोहब्बत सुन ले
कपकपाते हुए होठों की शिकायत सुन ले
आज इजहारे ख्यालात का मौका दे दे 
हम तेरे शहर में आए है मुसाफ़िर की तरह ....

भूलना था तो ये इकरार किया ही क्यू था
बेवफ़ा तूने मुझे प्यार किया ही क्यू था 
सिर्फ़ दो चार सवालात का मौक़ा दे दे
हम तेरे शहर में आए है मुसाफ़िर की तरह ....
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