हरे कृष्ण गोविन्द मोहन मुरारी भजन लिरिक्स Hare Krishna Govind Mohan Murari Bhajan lyrics - LBMUSICENTERTAINMENT.COM

जो किस्मत जगत की बनावे हैं सारे
तो क्यू ना चले हम उन्ही को पुकारे 
यही मंत्र जपते हैं ऋषि सन्त सारे 
यही मंत्र जपते हैं ऋषि सन्त सारे  
हरे कृष्ण गोविन्द मोहन मुरारे ....

नदी में हुईं ग्राह गज की लड़ाई 
पुकारा था गज ने कन्हाई कन्हाई 
तो ब्रज राज आ करके गज को उबारे 
तो ब्रज राज आ करके गज को उबारे 
गई आह जब रुकमिडी के दुआरे 
हरे कृष्ण गोविन्द मोहन मुरारे .. ।।
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हैं प्रहलाद की जानते सब कहानी 
उन्हें होलिका जब जलाने को ठानी 
जली होलिका जब मुरारी पधारे 
जली होलिका जब मुरारी पधारे 
प्रहलाद जपते थे अग्नि किनारे 
हरे कृष्ण गोविन्द मोहन मुरारे .. ।।


सुदामा थे निर्धन प्रभू के पुजारी 
दसा देख कर रो दिए थे मुरारी 
सब कुछ मिला उनको प्रभू के दुआरे 
और यहीं मंत्र जप कर वो जीवन गुजारे 
हरे कृष्ण गोविन्द मोहन मुरारे .. ।।

कहा आज तक तू भटकता था राही 
विनय तुम भी बन जाओ प्रभु का सिपाही 
उबारेंगे राजन तो जो सबको उबारे 
यहीं मंत्र जपना हैं रह कर सहारे 
हरे कृष्ण गोविन्द मोहन मुरारे .. ।।
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1 Comments

  1. Hare krishna Govind...
    Mohan murare🙏🏼🙏🏼🙏🏼

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