मन की वीणा से गुंजित ध्वनि मंगलम
स्वागतम् स्वागतम् स्वागतम् स्वागतम् ....
कैसा पावन सुहावन समय आज है
आप आए अतिथियों में सरताज है
देव की भांति पूजन करें आज हम ..
देव की भांति पूजन करे आज हम ....
स्वागतम् स्वागतम् स्वागतम् स्वागतम् ....
मन की बगिया से हमने हैं कालिया चुनी
श्रद्धा के फूलों से हमनें माला बुनी
करते हैं मिलके अर्पित सुमन आज हम
करते हैं मिलके अर्पित सुमन आज हम....
स्वागतम् स्वागतम् स्वागतम् स्वागतम् ....
1 Comments
i did not like it much
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