झूठा है संसार रैन का सपना हैं
किसे करें तू प्यार कोई ना अपना हैं....
"जीवन के सफ़र में राही
जरा रखना कदम संभल के ... 2 "
" तू बैठ ना जाना पगले
मंजिल के पास निकल के ....2 "
पार तुझे टपना हैं
किसे करें तू प्यार कोई ना अपना हैं
झूठा है संसार रैन का सपना हैं
किसे करें तू प्यार कोई ना अपना हैं ....
" ये बाग बगीचे बंगले
खिल रहें हैं रंग बिरंगे ... 2 "
एक नहीं बचना है
किसे करें तू प्यार कोई ना अपना हैं
झूठा है संसार रैन का सपना हैं
किसे करें तू प्यार कोई ना अपना हैं....
" वो माया के मतवाले
पल पल में उम्र ढले जा ... 2 "
" इस काल बली के चक्कर में
चक्की में मूंग दले जा ....2 "
ख़ाक में खपना है
किसे करें तू प्यार कोई ना अपना हैं
झूठा है संसार रैन का सपना हैं
किसे करें तू प्यार कोई ना अपना हैं ......
" आया था ब्याज कमाने
ना बाकी मूल रहा हैं .... 2 "
" वो बन्दे अरि मन मुरख
तू तो बिल्कुल भूल रहा हैं .... 2 "
हरी को भी रटना हैं
किसे करें तू प्यार कोई ना अपना हैं
झूठा है संसार रैन का सपना हैं
किसे करें तू प्यार कोई ना अपना हैं .....
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