कौशल्या दशरथ के नंदन
राम ललाट पे शोभित चंदन
रघुपत की जय बोले लक्ष्मण
राम सिया का हों अभिनंदन
अंजनी पुत्र पड़े हैं चरण में
राम सिया जपते तन मन में
मंगल भवन अमंगल हारी ई....ई.....
द्रबहु-स-दशरथ अजर बिहारी
राम सिया राम सिया राम जय जय राम
राम सिया राम सिया राम जय जय राम
मेरे तनमन धड़कन में सिया राम राम हैं
मन मन्दिर के दर्पण में सिया राम राम हैं
तूही सिया का राम राधा का तूही श्याम
जन्मों जनम का ही तो साथ हैं
मीरा का तू भजन भजते हरि पवन
तुलसी ने भी लिखीं बात हैं
मंगल भवन अमंगल हारी ई....ई.....
द्रबहु-स-दशरथ अजर बिहारी
राम सिया राम सिया राम जय जय राम
राम सिया राम सिया राम जय जय राम
3 Comments
Jai shree ram
ReplyDeleteJAI SIYA RAM
ReplyDeleteJai Shree Ram
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