छोटा सा मंदिर बनाऊंगी
श्याम तेरे गुण गाउंगी
राधा को मनाऊंगी मैं तेरे गुण गाउंगी
हां छोटा सा मंदिर बनाऊंगी
श्याम तेरे गुण गाऊंगी....
तन की ईट और मन की गारा
तन की ईट और मन की गारा
प्रेम का चुना लगाऊंगी
हरी तेरे गुण गाऊंगी
छोटा सा मंदिर बनाऊंगी
श्यामा तेरे गुण गाऊंगी....
तन का माखन मन की मिश्री
तन का माखन मन की मिश्री
प्रेम से भोग लगाऊंगी
हरी तेरे गुण गाउंगी
छोटा सा मंदिर बनाऊंगी
श्यामा तेरे गुण गाउंगी .....
तन के मोहन मन की राधा
तन के मोहन मन की राधा
प्रेम से चरण दबाऊंगी
हरि तेरी गुण गाऊंगी
छोटा सा मंदिर बनाऊंगी
श्याम तेरे गुण गाऊंगी.....
तन के प्रेत और मन के भैरव
तन के प्रेत और मन के भैरव
श्यामा से संकट कटाऊंगी
हरी तेरे गुण गाउंगी
छोटा सा मंदिर बनाऊंगी
श्याम तेरे गुण गाऊंगी....
1 Comments
Babu
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