Ruk Jana Nahi Tu Kahi Haar ke Lyrics - रुक जाना नहीं तू कहीं हार के गीत लिरिक्स

रुक जाना नहीं तू कहीं हार के 

कांटों पर चलकर मिलेंगे साए बाहर के  

ओ राही ओ राही, ओ राही ओ राही.....


सुरज देख रुक गया हैं

तेरे आगे झुक गया है

जब कभी ऐसे... कोई मस्ताना

निकले है अपनी... धुन में दिवाना 

शाम सुहानी बन जाते है, दीन इंतजार के

ओ राही ओ राही, ओ राही ओ राही.....


साथी ना करवा है, 

ये तेरा इम्तिहां है 

यू ही चला चल दिल के सहारे 

करती है मंज़िल तुझको इशारे

देख कही कोई रोक ना ले, 

तुझको पुकार के.....

ओ राही ओ राही, ओ राही ओ राही.....


नैन आसू जो लिए,

ये राहों के दिये है 

लोगो को उनका सब कुछ देके

तू तो चला था सपने ही लेके

कोई नही तो तेरे अपने 

है सपने ये प्यार के....

ओ राही ओ राही, ओ राही ओ राही.....

LB MUSIC ENTERTAINMENT


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