"धूम मचल बा आज बिरज में, खेलत होली मुरारी
राधा प्यारी संग में शोभत, रूप अति मनिहारी हो"
मोहन संग खेलत राधा प्यारी, बरसाने में होली
केहू के भीगत पाग पगरिया, केहू के भीगत चोली
मोहन संग खेलत राधा प्यारी, बरसाने में होली......
केहू चटकत केहू मटकत आवे,
केहू जोगिरा फाग सुनावे
बा धूम मचल मधुवन गलियन में... 2
जुटल गोपियन के टोली ....
मोहन संग खेलत राधा प्यारी, बरसाने में होली......
राधा गोरी श्याम के रंग में,
हो गईली मतवाली
रंग गुलाल से चमकत चुनरी
चमकत ओठ के लाली
देखी अति आनन्द ....... 2
देखी अति आनन्द मगन मन भईले
करत श्याम ठिठोली, बरसाने में होली
मोहन संग खेलत राधा प्यारी, बरसाने में होली......
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