गिरवर राज के किशोरी हे मईया, पईया तोहरे पड़ी
जय हो महेश मुख चन्द चकोरी पईया तोरी पड़ी....
जय हो गजानंद खड़ानन के माता,
चंद्र बदन सोहे भाग्य विधाता
फेरी नज़र तनी सेवको के ओरी, पईया तोरे पड़ी
जय हो महेश मुख चन्द चकोरी पईया तोरी पड़ी .....
मईया संसार के तू सृजन हार हों
पालन हार तूही करे लू संघार हो
पति व्रता धरम में शिरोमणि मईया, पईया पड़ी
जय हो महेश मुख चन्द चकोरी पईया तोरी पड़ी.....
सुर नर मुनि पूजे चरण कमल के
महिमा बखानी कईसे रउरे आचर के
सब भक्तन के तू भर देतु झोरी, पईया तोरे पड़ी
जय हो महेश मुख चन्द चकोरी पईया तोरी पड़ी.....
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