आ लौट के आजा हनुमान
तुझे श्री राम बुलाते हैं
लक्ष्मण के बचा ले प्राण
तुझे भगवान बुलाते हैं
आ लौट के आजा हनुमान
तुझे श्री राम बुलाते हैं..
प्यारे पवन सुत ला दे संजीवन
क्यू अब तक ना आए
रो रो मैं तो तुझको पुकारू
नर बानर कुम्भलाए
चहूं ओर दिखे शमशान
तुझे तेरे राम बुलाते हैं
आ लौट के आजा हनुमान
तुझे श्री राम बुलाते हैं..
धरती पर मेरी आंखों का तारा
घायल अवस्था में सोता
है लखन अपनी माता का
बेटा है इकलौता
कब शुद्ध लोग हनुमान
तुझे तेरे राम बुलाते हैं
आ लौट के आजा हनुमान
तुझे तेरे राम बुलाते हैं.....
बीती सारी रैन की अब तो
क्षण भर भी ना बाकी
देखत देखत रह तुम्हारी
बैरन अखियां थाकि
सूर्योदय लेगा जान
तुझे तेरे राम बुलाते हैं
आ लौट के आजा हनुमान
तुझे श्री राम बुलाते हैं......
पहली किरण उगने ना पाई
ले आए संजीवन
मूर्छा दूर करी लक्ष्मण की
तन कर दीन्हा कंचन
बजरंग तू ही बलवान
तुझे तेरे राम बुलाते हैं......
इसी भजन के कुछ बोल....🙏
आलोट के आजा हनुमान
तुझे श्री राम बुलाते हैं
जानकी के बसे तुममे प्राण
जानकी के बसे तुममें प्राण
तुझे श्री राम बुलाते हैं .......
लंका जला के सबको हरा के
तुम्हीं ख़बर सिया की लाए
पर्वत उठा के संजीवन ला के
तुमने लखन जी बचाए
हे बजरंग बली बलवान
तुझे हम याद दिलाते हैं....
पहले था रावण एक ही धरा पे
जिसको प्रभु ने संघारा
तुमने सवारे थे काज सारे
प्रभु को दिया था सहारा
जग में हे वीर सुजान
सभी तेरे गुण गाते हैं ......
है धरम संकट में धर्म फिर से
अब खेल कलयुग ने खेले
हैं लाखों रावण यहाँ पे
कब तक लड़े प्रभु अकेले
ज़रा देख लगा के ध्यान ले
तुम्हे श्री राम बुलाते हैं.....
है रामजी बिन तेरे अधूरे
अंजनी मां के प्यारे
भक्तों के सपने करने के पूरे
आजा पवन के दुलारे
करने जग का कल्याण
तुम्हें श्री राम बुलाते हैं......
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