तीन लोक एक पल भर में
ऐसो दीन दयाल मोरे बाबा
भरयू खज़ाना छड़ भर में
धन धन भोलानाथ बाट दियो....
प्रथम वेद ब्रम्हा को दे दियो
भए वेद के अधिकारी
विष्णु को दिया चक्र सुदर्शन
लक्ष्मी सी सुन्दर नारी
और इंद्र को दिया काम धेनु
यहरावत सा बलखारी
कुबेर को दिया आपने
सारी संपत्ति का अधिकारी
आप भजन में मस्त रहे.. बाबा
आप भजन में मस्त रहें और
भंग पियो नित खप्पर में
ऐसो दीन दयाल मोरे बाबा
भरयू खज़ाना छड़ भर में
धन धन भोलानाथ बाट दियो....
अमृत तो देवो को दे दिया
आप हलाहल पान किया
ब्रम्ह ज्ञान दे दिया उसी को
जिसने तुम्हारा ध्यान किया
भागीरथ को गंगा दे दिया
कलयुग में स्नान किया
बड़े बड़े पापियों को तारा
पल भर में उद्धार किया
अपने पास में वस्त्र ना रखते....
अपने पास में वस्त्र ना रखते
मस्त रहे बाघम्बर में....
ऐसो दीन दयाल मोरे बाबा
भरयू खज़ाना छड़ भर में
धन धन भोलानाथ बाट दियो....
वीणा तो नारद को दे दिए
हरि भजन का राग दिया
ब्राह्मण को दिया कर्मकांड
सन्यासी को त्याग दिया
और रावण को लंका दे दी
बीस भुजा दस शीश दिए
राम चंद्र को धनुष बाण
उन्ही में तो जगदीश दिए
अपने पास में कुछ नहीं रखते....
अपने पास में कुछ नहीं रखते
मस्त रहें अपने घर में
0 Comments