गिरधर तेरे चरणों में हर सांस गुजर जए
जिस सांस तुझे भूलू वो सांस ठहर जाए
गिरधर तेरे चरणों में........
सब छोड़ के मोह माया एक तुझ संग प्यार रहे
दुनिया का भरोसा क्या तेरा एतबार रहे
एक तू ही तो है अपना बन के ना मुकर जाए
जिस सांस तुझे भूलू वो सांस ठहर जाए
गिरधर तेरे चरणों में........
तुझे चाहने वालों को चाहत ना रही कोई
तुझे भूलने वालो को राहत ना राजी कोई
तुझे पाकर भुला दे जो वो इंसान किधर जाए
जिस सांस तुझे भूलू वो सांस ठहर जाए
गिरधर तेरे चरणों में........
मुझे तेरा सहारा है मैं और किधर जाऊं
तू है तो विवेक भी है, बिन तेरे मैं मर जाऊं
क्या मोल शरीरों के आत्मा गर मर जाए
जिस सांस तुझे भूलू वो सांस ठहर जाए
गिरधर तेरे चरणों में........
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