व्यर्थ बिताती है क्यों जीवन
मुख मंदिर में पड़ी पड़ी
हरि बोल मेरी रसना घड़ी घड़ी
जाग उठे तेरी ध्वनि सुन कर
इस काया की कड़ी कड़ी
हरि बोल मेरी रसना घड़ी घड़ी.....
नित्य निकाल राम नाम धुन
श्वास श्वास पर लड़ी लड़ी
हरि बोल मेरी रसना घड़ी घड़ी.....
बरसा दे हरि नाम सुधारक
बिन्दु बिन्दु से झड़ी झड़ी
हरि बोल मेरी रसना घड़ी घड़ी.....
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