वर दे वर दे वीणा वादिनी वर दे
प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव
भारत में भर दे, वीणा वादिनी वर दे..
वर दे वर दे वीणा वादिनी वर दे......
काट अंध-उर के बंधन-स्तर
बहा जननी, ज्योतिर्मय निर्झर
कलुष-भेद-तम, हर प्रकाश भर
जग मग जग कर दे, वीणा वादिनी वर दे..
वर दे वर दे वीणा वादिनी वर दे......
नव गति नव लय ताल-छंद नव
नवल कण्ठ, नव जलद मंद्र-नव
नव नभ के नव, विहग वृन्ध को
नव पर नव स्वर दे, वीणा वादिनी वर दे
वर दे वर दे वीणा वादिनी वर दे......
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