Hare Krishna Govind Mohan Morare Bhajan Lyrics | हरे कृष्ण गोविन्द मोहन मुरारे भजन लिरिक्स

जो किस्मत जगत की बनाए सवारे 

तो क्यू ना चले हम उन्हीं को पुकारे 

यही मंत्र जपते है ऋषि संत सारे ....2

हरे कृष्ण गोविन्द मोहन मुरारे.......


नदी में हुई ग्राह गज की लड़ाई 

पुकारा था गज ने कन्हाई कन्हाई 

तो ब्रज राज आ करके गज को उबारे...2 

गई आह जब रुक्मणी के दुआरे 

हरे कृष्ण गोविन्द मोहन मुरारे.......


है प्रहलाद की जानते सब कहानी 

उन्हें होली का जब जलाने को ठानी 

जली होलिका जब मुरारी पधारे ... 2

प्रहलाद जपते थे अग्नि किनारे 

हरे कृष्ण गोविन्द मोहन मुरारे.......


सुदामा थे निर्धन प्रभु के पुजारी 

दसा देख कर रो दिए थे मुरारी 

सब कुछ मिला उनको प्रभु के दुआरे....2

यही मंत्र जप करके वो जीवन गुजारे 

हरे कृष्ण गोविन्द मोहन मुरारे.......


कहा आज तक तू भटकता था राही 

तुम भी तो बन जाओ प्रभु का सिपाही 

उबारेंगे हम को भी जो सबको उबारे....2

हरे कृष्ण गोविन्द मोहन मुरारे.......

LB MUSIC ENTERTAINMENT



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