चंदन है इस देश की माटी,
तपोभूमि हर ग्राम है
हर बाला देवी की प्रतिमा
बच्चा-बच्चा राम है..
चंदन है इस देश की माटी....
हर शरीर मंदिर सा पवन
हर मानव उपकारी है
जहां सिंह बन गए खिलौने
गाय जहां मां प्यारी है
जहां सवेरा शंख बजाता..ऽऽ
जहां सवेरा शंख बजाता
लोरी गाती शाम है
हर बाला देवी की प्रतिमा
बच्चा-बच्चा राम है
चंदन है इस देश की माटी....
जहां कर्म से भाग्य बदलते
सम निष्ठा कल्याणी है
त्याग और तप की गाथाएं
गाति कवी की वाणी है
जहां ज्ञान का गंगा जल सा..ऽऽ
जहां ज्ञान का गंगा जल सा
निर्मल है अविराम है
हर बाला देवी के प्रतिमा
बच्चा-बच्चा राम है
चंदन है इस देश की माटी....
इसके सैनिक समर भूमि में
गाया करते गीता है
जहां खेत में हल के नीचे
निकला करती सीता है
जीवन का आदर्श जहां पर..ऽऽ
जीवन का आदर्श यहां पर
परमेश्वर का धाम है
हर बाला देवी की प्रतिमा
बच्चा-बच्चा राम है
चंदन है इस देश की माटी....
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