परिचय- राग भैरवी अपने ही नाम वाले थॉट से उत्पन राग हैं
वादी स्वर म तथा संवादी स्वर सा हैं,
इसकी जाति सम्पूर्ण-सम्पूर्ण हैं
गायन समय प्रातः काल हैं
इसे सन्धि प्रकाश राग भी कहते हैं..!
आरोह- सा रे॒ ग॒ म प ध॒ नि॒ सां
अवरोह- सां नि॒ ध॒ प म ग॒ रे॒ सा
पकड़ स्वर- म ग॒ सा रे॒ सा ध़॒ ऩि॒ सा
स्थाई स्वर लिपि........👇
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