चल रे जोगी नन्द भवन में, नन्द भवन में
यशोदा तोहे बुलाए, यशोमती तोहे बुलाए
झूमत डोलत शंकर आए ....2
मन में मोद बढ़ाए..
नन्द भवन में, नन्द भवन में
यशोमती तोहे बुलाए
राई नोन कर लीजे
वार फेर ला ला के ऊपर
हाथ पीठ पर दीए,
नन्द भवन में, नन्द भवन में....
व्यथा भई सब दूर बदन की
किलक उठे नंदलाला
खुश हो गई सब वृज जुग रानी
दीनी मोतियन माला....
नन्द भवन में, नन्द भवन में
रहियो रे जोगी नन्द भवन में
वास व्रज में कीजे......
जब-जब मेरो लाला रोए
तब-तब दर्शन दीजे
नन्द भवन में, नन्द भवन में....
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